प्रत्यर्थी क्रमांक-1 / वादी की ओर से अपीलार्थी की ओर से प्रस्तुत विविध व्यव. अपीलक्रं-19/07 अपील का लिखित जवाब प्रस्तुत न करते हुये, मौखिक रूप से तर्क किये हैं, कि-वादग्रस्त भूमि एकमात्र वादी के स्वामित्व एवं आधिपत्य की भूमि है।
2.
निम्न न्यायालय की पत्रावली पर दीवानी वाद संख्या 4 / 2000 की सत्यापित प्रतिलिपि कागज संख्या-75ग1/2 संलग्न है जिसके अवलोकन से यह तथ्य परिलक्षित होता है कि उक्त दीवानी वाद संख्या 4/2000 में उमेश चन्द्र मिश्रा पुत्र हरि दत्त मिश्रा एकमात्र वादी है तथा प्रतिवादी के रूप में हरी सिंह पुत्र जीत सिंह वादी द्वारा खाता एकमात्र प्रतिवादी है।